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Published Balindra Kumar |
Date: 2023-06-08
एंगुलर डेवलपर (Angular Developer) वह व्यक्ति होता है जो एंगुलर फ्रेमवर्क (Angular Framework) का उपयोग करके वेब ऐप्लिकेशन बनाने और विकसित करने में महिर होता है। एंगुलर एक जावास्क्रिप्ट आधारित ओपन सोर्स फ्रेमवर्क है जो उच्च-परफॉर्मेंस एवं एकाग्रता वाले वेब ऐप्लिकेशन बनाने में मदद करता है। यह राष्ट्रीय स्तर की विकास संगठन, व्यापारी और सरकारी संगठनों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
Angular Developer in Hindi
एंगुलर डेवलपर के कार्य निम्नलिखित मामलों को समाविष्ट कर सकते हैं:
- वेब ऐप्लिकेशन के लिए एंगुलर फ्रेमवर्क का उपयोग करके विकास करना
- एंगुलर कंपोनेंट्स, सर्विस, मॉड्यूल्स, डायरेक्टिव्स और पाइप्स के लिए कोड लिखना
- एंगुलर में रूटिंग, स्टेट मैनेजमेंट और फ़ॉर्म्स का उपयोग करना
- एंगुलर एपीआई (API) के साथ इंटरैक्ट करना और डेटा को लाएंड करना
जावास्क्रिप्ट (JavaScript) एक प्रोग्रामिंग भाषा है जो वेब विकास में उपयोग होती है। यह एक उच्च स्तरीय, अनुवर्ती, एकाग्रता वाली भाषा है जिसका उपयोग वेब पृष्ठों पर विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि इवेंट हैंडलिंग, फ़ॉर्म वैलिडेशन, डोम मानिपुलेशन, और इंटरैक्टिव वेब ऐप्लिकेशनों का विकास। यह एक स्क्रिप्टिंग भाषा है, इसका मतलब है कि इसे रनटाइम में इंटरप्रीट किया जा सकता है और यह न केवल वेब ब्राउज़र में बल्कि अन्य संदर्भों में भी उपयोग किया जा सकता है, जैसे नोड.जे (Node.js) और इलेक्ट्रॉन (Electron),
AEM DEVELOPER in HINDI
जावास्क्रिप्ट का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जा सकता है:
- वेब पृष्ठों पर इवेंट्स (Events) का नियंत्रण करना और इवेंट हैंडल करना।
- डोम (DOM) के संरचना और शैली को बदलना।
- वेब पृष्ठों पर फॉर्म वैलिडेशन करना और डेटा की सत्यापन करना।
एंगुलरजेएस क्या है? Angular Js Kya Hai in Hindi
एंगुलरजेएस (AngularJS) एक जावास्क्रिप्ट आधारित ओपन सोर्स फ्रेमवर्क है जिसका उपयोग वेब ऐप्लिकेशन विकास के लिए किया जाता है। इसे "एंगुलर 1" भी कहा जाता है ताकि इसे नवीनतम संस्करण एंगुलर (जिसे एंगुलर 2 और बाद में आगे के संस्करणों में विकसित किया गया है) से भिन्न किया जा सके।
एंगुलरजेएस एक MVC (Model-View-Controller) आधारित फ्रेमवर्क है जिसका उपयोग ऐप्लिकेशन की विभिन्न पहलुओं को संगठित करने और प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। यह डेटा बाइंडिंग (Data Binding), टेम्पलेटिंग (Templateing), रूटिंग (Routing), डायरेक्टिव्स (Directives), सर्विसेज (Services) और डिपेंडेंसी इंजेक्शन (Dependency Injection) जैसी फीचर्स का समर्थन करता है।
एंगुलरजेएस के मुख्य लक्ष्यों में से एक है कि यह वेब ऐप्लिकेशनों को डायनामिक बनाने में मदद करता है जिससे इंटरैक्टिव और यानी स्पा-यूआई (Single-Page Applications) वेब ऐप्लिकेशनों को विकसित करना आसान होता है।
एंगुलरजेएस कैसे काम करता है? Angular Js Kaise Work Karta Hai
एंगुलरजेएस (AngularJS) को वेब ऐप्लिकेशन विकास के लिए एक MVC (Model-View-Controller) फ्रेमवर्क के रूप में डिज़ाइन किया गया है। इसका मतलब है कि यह ऐप्लिकेशन को विभाजित करता है और अलग-अलग पहलुओं को संगठित करने के लिए एक संरचना प्रदान करता है। निम्नलिखित हैं एंगुलरजेएस के मुख्य कार्यप्रणाली:
मॉडल (Model):
मॉडल डेटा को प्रतिष्ठित करता है और ऐप्लिकेशन में उपयोग होने वाली डेटा को संग्रहीत करता है। इसमें डेटा की संरचना, रखरखाव और डेटा को प्रदर्शित करने वाली विधियाँ शामिल होती हैं।
व्यू (View):
व्यू ऐप्लिकेशन के प्रदर्शन से संबंधित होता है और यूजर इंटरफ़ेस (UI) को प्रदर्शित करता है। यह HTML टेम्पलेट का उपयोग करता है और मॉडल के डेटा को प्रदर्शित करने और उपयोगकर्ता के इंटरेक्शन को संभव बनाने के लिए डेटा बाइंडिंग का उपयोग करता है।
एंगुलर (Angular) क्षेत्र में नौकरियां आजकल बहुत प्रसिद्ध हो रही हैं। यदि आप एंगुलर जॉब की तलाश कर रहे हैं, तो आप इसे अपनी जॉब खोज के लिए निम्नलिखित संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं: नौकरी वेबसाइट: विभिन्न नौकरी वेबसाइट पर आप एंगुलर जॉब की खोज कर सकते हैं। आपको वेबसाइट पर एंगुलर या वेब डेवलपर के लिए नौकरियों की खोज करनी चाहिए और उसमें आपकी प्रोफ़ाइल के अनुसार जॉब खोजें। वेब डेवलपमेंट संगठनों की वेबसाइट: विभिन्न वेब डेवलपमेंट संगठन अपनी वेबसाइट पर नौकरियों की जानकारी प्रदान करते हैं। आप इन संगठनों की वेबसाइट पर जाकर नौकरी के अनुभाग में एंगुलर जॉब खोज सकते हैं और उन्हें अपनी प्रोफ़ाइल के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।
Angular और React जैसे फ्रंट-एंड वेब डेवलपमेंट फ्रेमवर्क के बदलते हुए मार्केट में सैलरी भारतीय बाजार में विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। यह कारक निम्नलिखित हो सकते हैं: अनुभव (Experience): एक वेब डेवलपर की अनुभव स्तर पर सैलरी प्रभावित होती है। अधिक अनुभवशील डेवलपर्स को अधिक सैलरी मिलती है क्योंकि वे विभिन्न परियोजनाओं के साथ काम करने में सक्षम होते हैं। क्षेत्र (Location): सैलरी क्षेत्रिय मानकों पर निर्भर करती है। महंगे शहरों और आर्थिक राज्यों में सैलरी अधिक होती है जबकि छोटे शहरों और प्रायद्विपीय क्षेत्रों में कम हो सकती है। कंपनी का आकार (Company Size): सैलरी कंपनी के आकार पर भी निर्भर कर सकती है। बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों या टेक्नोलॉजी कंपनियों में सैलरी अधिक होती है जबकि छोटी या स्थानीय कंपनियों में कम हो सकती है।
एंगुलर (Angular) को वेब ऐप्लिकेशन विकास के लिए प्रयोग किया जाता है। यह फ्रेमवर्क बहुत सारी उपयोगिताओं के साथ आता है और विभिन्न प्रकार की वेब ऐप्लिकेशनों को विकसित करने में मदद करता है। निम्नलिखित हैं कुछ उदाहरण जहां एंगुलर का उपयोग किया जा सकता है: सिंगल पेज ऐप्लिकेशन (SPA): एंगुलर का उपयोग करके आप सिंगल पेज ऐप्लिकेशन (SPA) विकसित कर सकते हैं। ये ऐप्लिकेशन विभिन्न विभाजनों और कंपोनेंटों को एक पेज पर दिखाते हैं और इंटरैक्टिव यूजर इंटरफेस प्रदान करते हैं। लार्ज-स्केल ऐप्लिकेशन: एंगुलर का उपयोग बड़ी-स्केल वेब ऐप्लिकेशनों के विकास में किया जा सकता है। इसमें एंगुलर की संरचनात्मकता और मॉड्यूलरिटी के कारण बड़ी ऐप्लिकेशन को संगठित करना आसान होता है।