Arthritis Kya Hota Hai in Hindi | Arthritis treatment in hindi | rheumatoid arthritis meaning in hindi | अर्थराइटिस में आहार | रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या खाना चाहिए | आर्थराइटिस के लक्षण इन हिंदी
अर्थराइटिस किसकी कमी से होता है? | आर्थराइटिस कैसे ठीक होता है? | अर्थराइटिस में क्या परहेज करना चाहिए? | आर्थराइटिस में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए? | आर्थराइटिस के प्रकार | अर्थराइटिस में क्या नहीं खाना चाहिए | आर्थराइटिस के लिए योग | अर्थराइटिस में आहार | अर्थराइटिस क्यों होता है | गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय | अर्थराइटिस क्या है हिंदी में | अर्थराइटिस कैसे ठीक होता है?
जब ह्यूमन के बॉडी में एक से अधिक joints में swelling हो जाता है जो बढ़ते age के साथ pain होने लगता है जहाँ भी दो bones मिलते है वहाँ swelling हो जाती है जिससे आपको उठने और बैठने में बहुत दिक्कत होती है इस disease को arthritis के नाम से जानते है।
जैसे-जैसे आपकी age increase होती है वैसे-वैसे आप बूढ़े होते जाएंगे arthritis smoking, और lack of exercise के कारण होती है arthritis सबसे ज्यादा woman में पाया गया है, जो लोग ज्यादा मोटे होते है जिनसे उनके joints पर ज्यादा pressure पड़ता है जिससे arthritis उत्पन हो जाता है।
आर्थराइटिस बहुत प्रकार के होते है जो छोटे बच्चो से लेकर ओल्ड age के व्यक्ति में होते है जैसे -
Osteoarthritis - इस प्रकार के आर्थराइटिस सबसे ज्यादा पाया गया है जो पूरी दुनिया के millions लोगो को affect किया है इसे degenerative joint disease (DJD) के नाम से भी जाना जाता है। यह bones joints के पास के tissue को effect करता है जिससे चलने, उठने, और बैठने में दिक्कत होती है।
Rheumatoid Arthritis (RA) - यह autoimmune disease होती है इसमें chronic inflammatory disorder होते है जो आपके hands और feet को affect करती है। इस डिजीज में immune system अपने ही बॉडी के tissue को affect करती है जैसे- joints
कभी कभी ऐसा भी होता है की यह internal organs को affect कर देती है। यह joint linings के swelling के कारण होती है जब इसका हम सही तरीके से नहीं कराते है तब bone erosion और joint deformity होने लगती है।
इसके बाद इसका इलाज करना भी बहुत मुश्किल हो जाती है इसमें आप कुछ मैडिटेशन करने स्लो कर सकते है और anti-rheumatic drugs (DMARDS) लेकर कुछ कम किया जाया जा सकता है।
Childhood Arthritis
childhood arthritis को juvenile arthritis भी कहा जाता है इस प्रकार का आर्थराइटिस children में देखा गया है जिसमे चिल्ड्रन की जॉइंट्स में pain और swelling होने लगती है childhood arthritis बहुत प्रकार के होती है जैसे - Oligoarticular–persistent JA , Oligoarticular–extended JA , Polyarticular–RF negative JA, Polyarticular–RF positive JA , Systemic JA ,Enthesitis–related arthritis,Psoriatic arthritis
Fibromyalgia - इस प्रकार का disorder fatigue, sleep, memory और mood issues कारण होती है इस डिजीज में musculoskeletal pain होने लगती है।
Gout - यह arthritis का common तथा complex form होता है जो किसी को भी हो सकता है यह अचानक से होता है जिसमे आपको pain, swelling, redness और tenderness हो सकता है। जब हमारे बॉडी में extra uric acid जमा हो जाती है तब जॉइंट्स में crystals का फार्मेशन हो जाती है जिसके कारण pain और swelling होती है।
Lupus जब immune system अपने ही tissue पर अटैक करता है जिससे इंफ्लमैशन होता है यह joints, skin, kidneys, blood cells, brain, heart और lungs को एफेक्ट करता है।
Balindra Kumar [in India]
Nose picking जानलेवा हो सकता है: इसके कारण से डिमेंशिया, अल्जाइमर का खतरा बढ़ सकता है,हाल ही में हुए एक research से पता चला है कि अपनी Nose picking से खतरनाक बैक्टीरिया आपके brain में प्रवेश कर सकते हैं।
अपनी नाक खोदना एक curious habit है। कुछ लोग boredom या nervousness के कारण अपनी नाक बंद कर लेते हैं। हालांकि, एक नए अध्ययन के अनुसार, यह आदत आपको Alzheimer's and dementia के विकास के जोखिम में डाल सकती है। ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम के अनुसार, उन्होंने दिखाया कि एक बैक्टीरिया नाक में olfactory nerve के माध्यम से और mice में मस्तिष्क में यात्रा कर सकता है, जहां यह markers बनाता है जो अल्जाइमर रोग का एक खुला संकेत है।
जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि क्लैमाइडिया न्यूमोनिया नामक एक बैक्टीरिया, जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है और निमोनिया का कारण बन सकता है, जो शुरू होने वाले dementia से प्रभावित अधिकांश मानव मस्तिष्क में खोजा गया है।
research के अनुसार, इसने central nervous system पर आक्रमण करने के लिए एक आक्रमण पथ के रूप में nasal cavity और brain के बीच फैली nerve का उपयोग किया। इसके बाद मस्तिष्क की कोशिकाओं ने amyloid beta protein जमा करके प्रतिक्रिया व्यक्त की, जो अल्जाइमर रोग की पहचान है।
यह अध्ययन चूहों पर किया गया था। क्लेम जोन्स सेंटर फॉर न्यूरोबायोलॉजी एंड स्टेम सेल रिसर्च के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स सेंट जॉन ने कहा, की हमने इसे माउस मॉडल में देखा है, और सबूत मनुष्यों के लिए भी संभावित रूप से डरावना है।
Research में कहा गया है कि olfactory nerve हवा के संपर्क में आती है और मस्तिष्क को एक short passage प्रदान करती है। यह वह passage है जिससे वायरस और बैक्टीरिया एक आसान मार्ग के रूप में मस्तिष्क में चले गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके अगले चरण के शोध का उद्देश्य यह साबित करना है कि मनुष्यों में भी यही मार्ग मौजूद है।
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