Hanuman Jayanti in hindi: हनुमान जयंती कब और क्यों मनाई जाती है?

Published Balindra Kumar |

Date: 2023-04-05

Hanuman Jayanti in hindi: हनुमान जयंती कब और क्यों मनाई जाती है?हनुमान जयंती हिंदू धर्म के एक प्रमुख त्योहार है जो हर साल मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में भी मनाया जाता है। हनुमान जयंती हनुमान जी के जन्मदिन पर मनाई जाती है और यह हिंदू कैलेंडर के चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस तारीख को हनुमान जयंती के रूप में जाना जाता है।


हनुमान जी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं जिन्हें बल, ताकत, साहस और वीरता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। हनुमान जी को राम भक्त के रूप में भी जाना जाता है। हनुमान जयंती पर, लोग उन्हें पूजते हैं और उनके गुणों की महिमा का गान करते हैं।

हिंदू धर्म में हनुमान जी के बहुत से मंदिर होते हैं, जिन्हें विशेष रूप से हनुमान जयंती पर देखभाल की जाती है। इस दिन पर, लोग मिठाई, प्रसाद और खाने-पीने के दान करते हैं और हनुमान जी के नाम का जप भी करते हैं।

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हनुमान जी का जन्मदिन कब मनाया जाता है?
हनुमान जी का जन्मदिन हिंदू कैलेंडर के चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह तारीख हर साल अलग-अलग तिथि पर पड़ती है, क्योंकि हिंदू कैलेंडर सौरमंडल के गतिशीलता के आधार पर निर्धारित होता है। इसलिए, हनुमान जयंती की तारीख हर साल अलग-अलग होती है।

हनुमान जयंती और हनुमान जन्मोत्सव में अंतर होता है।

हनुमान जयंती एक त्योहार है जो हनुमान जी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा की जाती है और उन्हें विभिन्न विधियों से पूजा जाता है। इस दिन भक्त उनके नाम का जप करते हैं और उनकी कथाओं को सुनते हैं।

वहीं, हनुमान जन्मोत्सव भी हनुमान जी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है, लेकिन इसमें ज्यादातर रामलीला के रूप में अनेक दिनों तक के कार्यक्रम शामिल होते हैं। इसमें हनुमान जी की कथाओं के अलावा राम लीला का प्रदर्शन भी किया जाता है। इसके अलावा धार्मिक गानों के साथ भजन-कीर्तन भी किया जाता है।

इसलिए, हनुमान जयंती और हनुमान जन्मोत्सव दोनों एक-दूसरे से थोड़ा भिन्न होते हैं।




शिव जी ने हनुमान जी का अवतार लिया था ताकि उन्हें उनकी विशेष कृपा और आशीर्वाद से लाभ हो सके। भगवान हनुमान का जन्म माता अंजना देवी और पिता केसरी नामक वानर राजा से हुआ था। हनुमान जी बचपन से ही बड़े बलवान थे और उन्होंने श्री राम के लिए अपनी वीरता और शक्ति का प्रदर्शन किया था। इसलिए, शिव जी ने हनुमान जी को अपने अवतार के रूप में उत्पन्न किया था। भगवान हनुमान को उनकी अनंत भक्ति, बल, दृढ़ता, समर्पण और उनकी सेवा भावना के लिए पूजा जाता है।

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