कंप्यूटर की बेसिक जानकारी

हेलो दोस्त ! आज हम लोग कंप्यूटर के बेसिक जानकारी के बारे में जानेंगे कि कंप्यूटर की बेसिक जानकारी क्या है ?

बेसिक कंप्यूटर में क्या आता है? और कंप्यूटर के पार्ट्स कितने होते हैं?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है इसे आप एक मशीन भी मान सकते है जो ह्यूमन के इंस्ट्रक्शन देने पर वर्क करता है। इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर होता है जिसके जरिये हम कंप्यूटर में कोई भी टास्क को परफॉर्म करते है। सॉफ्टवेयर हमे बहुत तरह के कार्य को आसान कर देता है और जल्दी से हमारा काम बिना किसी error के कम्पलीट हो जाता है। कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस तथा आउटपुट डिवाइस पाया जाता है कुछ एक्सटर्नल accessories भी मिलकर एक एक कम्पलीट कंप्यूटर का निर्माण करते है।

What is computer - Computer kya hai

कंप्यूटर की बेसिक जानकारी - computer ke basic jankari

आज के जमाने में आपने कंप्यूटर के बारे में सुना तो होगा , पढ़ा या देखा जरूर होगा, ऐसा इसलिए, क्योंकि वे हमारे डेली लाइफ के एक्सिस्टेंस का एक अभिन्न अंग हैं। स्कूल हो, बैंक हो, दुकान हो, रेलवे स्टेशन हो, अस्पताल हो या आपका अपना घर हो, कंप्यूटर हर जगह मौजूद हैं, जिससे हमारा काम आसानी और फ़ास्ट हो जाता है। क्योकि वे हमारे जीवन के ऐसे अभिन्न अंग हो गए हैं, की इसके बिना कोई भी कार्य को जल्दी से पूरा नहीं कर सकते है। हमें पता होना चाहिए कि कंप्यूटर क्या हैं और वे कैसे कार्य करते हैं? तो चलिए फ्रेंड्स इसके बारे में जानते है -

कंप्यूटर एक ऐसा device है, जो calculation कर सकता है। हालाँकि, modern computers calculation के आलवे बहुत कुछ कर सकते हैं। यह users के instructions के अनुसार इनपुट(input) करता है, डाटा store करता है या इनपुट को processes करता है और यूजर के desired format में आउटपुट provide करता है।

Input-process-output model - इनपुट-प्रोसेस-आउटपुट मॉडल

कंप्यूटर में जो यूजर कीबोर्ड के जरिये इनफार्मेशन इनपुट करता है उसे Data कहा जाता है और Users के निर्देशों के आधार पर इसे processing करने के बाद प्राप्त आउटपुट को इनफार्मेशन कहा जाता है। Raw facts and figures जिनसे इनफार्मेशन प्राप्त करने के लिए arithmetic and logical operations का उपयोग करके प्रोसेसिंग किया जाता है जिसे हम डेटा कहते हैं।

Workflow - कार्यप्रवाह

Data पर लागू की जानी वाली दो प्रकार की प्रक्रियाएं (Process) होती हैं -

1. Arithmetic Operations - अंकगणितीय ऑप्रेशन - Example के तौर पर इसमें जोड़, घटाव, differential , वर्गमूल, आदि जैसी calculations शामिल होते हैं।

Logical Operations - लॉजिकल ऑप्रेशन - Example के तौर पर इसमें ऑपरेशन शामिल होते हैं। जैसे कि इससे बड़ा, इससे कम, बराबर, विपरीत, आदि।

कंप्यूटर के बेसिक भाग

  • 1. Input Unit (इनपुट यूनिट) - कीबोर्ड और माउस जैसे devices जो कंप्यूटर में डेटा और निर्देश इनपुट करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, उन्हें हम इनपुट यूनिट कहते हैं।
  • 2. Output Unit (आउटपुट यूनिट) - प्रिंटर और विजुअल डिस्प्ले यूनिट जैसे उपकरण जो users को वांछित प्रारूप में जानकारी प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, तो इन्हे हम आउटपुट यूनिट कहते हैं।
  • 3. Control Unit () - जैसा कि नाम से पता चलता है,की यह यूनिट कंप्यूटर के सभी कार्यों को कण्ट्रोल करती है। कंप्यूटर के सभी devices का कण्ट्रोल यूनिट के माध्यम से किया जाता हैं।
  • 4. Arithmetic Logic Unit (अंकगणित तर्क इकाई) - यह कंप्यूटर का ब्रेन होता है जहाँ सभी arithmetic operations and logical operations होते हैं।
  • 5. Memory (मेमोरी) - Processes के लिए अंतरिम सभी इनपुट डेटा, निर्देश और डेटा मेमोरी में संग्रहीत होते हैं। मेमोरी दो प्रकार की होती है- प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी। प्राइमरी मेमोरी सीपीयू के अंदर रहती है जबकि सेकेंडरी मेमोरी इसके बाहर होती है।
  • 6. Control unit (कंट्रोल यूनिट) - Arithmetic logic unit और मेमोरी को एक साथ मिलकर सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या सीपीयू कहा जाता है। कंप्यूटर उपकरण जैसे कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर आदि जिन्हें हम देख और छू सकते हैं, वे कंप्यूटर के हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट होते हैं। इन हार्डवेयर भागों का उपयोग करके कंप्यूटर को कार्य करने वाले निर्देशों या प्रोग्रामों के समूह को सॉफ़्टवेयर कहा जाता है। हम सॉफ्टवेयर को देख या छू नहीं सकते हैं। कंप्यूटर के काम करने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों आवश्यक हैं।
  • Computer output device क्या है और कितने प्रकार के होते है?
कंप्यूटर सिस्टम क्या है और इसकी विशेषताएं क्या है?

कंप्यूटर सिस्टम क्या है और इसकी विशेषताएं क्या है?

यह समझने के लिए कि कंप्यूटर हमारे जीवन का इतना महत्वपूर्ण हिस्सा क्यों हैं, आइए हम इसकी कुछ विशेषताओं को देखें -

  • गति (Speed) - आमतौर पर, एक कंप्यूटर प्रति सेकंड 3-4 मिलियन निर्देशों को पूरा कर सकता है।
  • शुद्धता (Accuracy) - कंप्यूटर बहुत उच्च स्तर की सटीकता प्रदर्शित करते हैं। त्रुटियां जो आमतौर पर गलत डेटा, गलत निर्देश या चिप्स में बग के कारण हो सकती हैं - सभी मानवीय त्रुटियां।
  • विश्वसनीयता (Reliability) - कम्प्यूटर एक ही प्रकार के कार्य को बार-बार कर सकता है बिना थकान या ऊब के कारण त्रुटियाँ उत्पन्न किये जो कि मनुष्यों में बहुत आम है।
  • हुमुखी प्रतिभा (Versatility) - कंप्यूटर डेटा प्रविष्टि और टिकट बुकिंग से लेकर जटिल गणितीय गणनाओं और निरंतर खगोलीय प्रेक्षणों तक कई प्रकार के कार्य कर सकते हैं। यदि आप आवश्यक डेटा को सही निर्देशों के साथ इनपुट कर सकते हैं, तो कंप्यूटर प्रोसेसिंग करेगा।
  • भंडारण क्षमता ( Storage Capacity ) - कंप्यूटर फाइलों के पारंपरिक भंडारण की लागत के एक अंश पर बहुत बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत कर सकते हैं। साथ ही, डेटा कागज से जुड़े सामान्य टूट-फूट से सुरक्षित है।
  • Control unitकंट्रोल यूनिट, अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट और मेमोरी को एक साथ सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या सीपीयू कहा जाता है। कंप्यूटर उपकरण जैसे कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर आदि जिन्हें हम देख और छू सकते हैं, कंप्यूटर के हार्डवेयर घटक हैं। इन हार्डवेयर भागों का उपयोग करके कंप्यूटर को कार्य करने वाले निर्देशों या प्रोग्रामों के समूह को सॉफ़्टवेयर कहा जाता है। हम सॉफ्टवेयर को देख या छू नहीं सकते हैं। कंप्यूटर के काम करने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों आवश्यक हैं।

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कंप्यूटर का उपयोग करने के लाभ

अब जब हम कंप्यूटर की विशेषताओं को जानते हैं, तो हम कंप्यूटर द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभों को देख सकते हैं-

  • कंप्यूटर समान सटीकता के साथ एक ही कार्य को बार-बार कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर थकते या ऊबते नहीं हैं।
  • अधिक बुद्धिमान कार्यों के लिए मानव संसाधन जारी करते हुए कंप्यूटर नियमित कार्य कर सकते हैं।

कंप्यूटर का उपयोग करने के नुकसान

इतने सारे फायदों के बावजूद, कंप्यूटर के अपने कुछ नुकसान हैं -

  • कंप्यूटर में कोई बुद्धि नहीं है; वे परिणाम पर विचार किए बिना आँख बंद करके निर्देशों का पालन करते हैं।
  • कंप्यूटर को काम करने के लिए नियमित बिजली की आपूर्ति आवश्यक है, जो विशेष रूप से विकासशील देशों में हर जगह मुश्किल साबित हो सकती है।

बूटिंग

कंप्यूटर या कंप्यूटर-एम्बेडेड डिवाइस को शुरू करना बूटिंग कहलाता है। बूटिंग दो चरणों में होती है -

बिजली की आपूर्ति चालू करना ऑपरेटिंग सिस्टम को कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी में लोड करना उपयोगकर्ता द्वारा आवश्यक होने पर सभी एप्लिकेशन को तैयार स्थिति में रखना कंप्यूटर के चालू होने पर चलने वाला पहला प्रोग्राम या निर्देशों का सेट BIOS या बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम कहलाता है। BIOS एक फर्मवेयर है, यानी सॉफ्टवेयर का एक टुकड़ा स्थायी रूप से हार्डवेयर में प्रोग्राम किया जाता है। यदि कोई सिस्टम पहले से चल रहा है, लेकिन उसे फिर से चालू करने की आवश्यकता है, तो इसे रिबूटिंग कहा जाता है। यदि कोई सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर स्थापित किया गया है या सिस्टम असामान्य रूप से धीमा है, तो रीबूटिंग की आवश्यकता हो सकती है।

बूटिंग दो प्रकार की होती है -

  • कोल्ड बूटिंग - जब बिजली की आपूर्ति को चालू करके सिस्टम को चालू किया जाता है तो इसे कोल्ड बूटिंग कहा जाता है। कोल्ड बूटिंग का अगला चरण BIOS को लोड करना है।
  • वार्म बूटिंग - जब सिस्टम पहले से चल रहा हो और उसे फिर से चालू या रिबूट करने की आवश्यकता हो, तो इसे वार्म बूटिंग कहा जाता है। वार्म बूटिंग कोल्ड बूटिंग की तुलना में तेज़ है क्योंकि BIOS पुनः लोड नहीं होता है।

निष्कर्ष: Conclusion

इस पोस्ट से हमलोग आज सीखे की computer ke basic jankari kya hai और computer ke advantage or disadvantage kya hai ये सब के बारे में हमलोग आज जान चुके है। आशा करते है मेरे जानकारी आपको अच्छी लगी होगी प्लीज शेयर कीजिये इस पोस्ट को ताकि जायदा से जायदा लोग जाने की computer ke basic jankari क्या है।

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