Raksha bandhan 2023 में रक्षाबंधन कब हैऔर, इसे क्यों मनाया जाता है?

Published Balindra Kumar |

Date: 2023-08-02

रक्षा बंधन क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है? रक्षा बंधन एक पारंपरिक भारतीय उत्सव है जिसका मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के प्यार और सख्त बंधन को स्थायीता देना होता है। raksha bandhan 2023 date in india muhurat time|यह उत्सव श्रावण मास के शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार आदिकाव्य महाभारत में उल्लिखित है।


Raksha bandhan 2023 : Raksha bandhan Kab hai 2023 in hindi

इस दिन बहन अपने भाई की लम्बी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करती हैं और उन्हें राखी बांधती हैं, जिसका एक विशेष प्रतीक होता है जिसे "राखी" कहा जाता है। इसके साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और उनकी क़दर करते हैं। यह एक परम्परिक रूप से सम्बन्धों को मजबूती और स्नेह के साथ बांधने का मौका प्रदान करता है।

रक्षा बंधन का मुख्य उद्देश्य परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सद्भावना को मजबूत करना है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब परिवार के सदस्य एक दूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का आदान-प्रदान करते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियों और दुखों को साझा करते हैं।

इस परंपरागत उत्सव के साथ ही आजकल लोग भाई-बहन के साथी संबंधों को समय देने और उनके साथ गुजारे हुए समय की महत्वपूर्णता को याद दिलाने के रूप में भी रक्षा बंधन को मनाते हैं।


राखी का इतिहास क्या है? raksha bandhan story

राखी का इतिहास बहुत पुराना है और यह विभिन्न कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। राखी एक पारंपरिक चीज़ है जो भारतीय सभ्यता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

महाभारत कथा के अनुसार, एक बार वीरता युद्ध (कुरुक्षेत्र का युद्ध) के समय द्रौपदी, पांच पांडव भाइयों की पत्नी, बहुत चिंतित थी क्योंकि उनके पति का युद्ध में जीवन संकट में था। तब उन्होंने कृष्णा की मदद से एक बाली धागा (राखी) काटकर उनके हाथ में बांध दिया। कृष्णा ने अपने हाथ में लगाए राखी के माध्यम से द्रौपदी को आशीर्वाद दिया और उसकी समस्याओं का समाधान किया। इसके परिणामस्वरूप, द्रौपदी का सहारा मिलकर उन्होंने महाभारत युद्ध में अपनी जीत हासिल की।

इसी प्रकार, राखी का परंपरागत मायना महाभारत की कथाओं में प्रमुख रूप से प्रकट होता है, जहाँ यह भाई-बहन के संबंध की महत्वपूर्णता और प्रेम को दिखाता है। इसके अलावा भारतीय इतिहास और संस्कृति में भी राखी के विभिन्न महत्वपूर्ण संदर्भ हैं, जो इसकी महत्वपूर्णता को और भी बढ़ाते हैं।


रक्षाबंधन का महत्व

रक्षा बंधन भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई-बहन के संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। यह त्योहार पारंपरिक और सामाजिक मूल्यों को प्रमोट करने का माध्यम होता है और विशेष रूप से भाई-बहन के आपसी स्नेह को दर्शाता है।

रक्षा बंधन का महत्व निम्नलिखित है:

  1. भाई-बहन के आपसी बंधन को मजबूत करना: रक्षा बंधन का प्रमुख उद्देश्य भाई-बहन के प्यार और सम्बंधों को मजबूत करना होता है। इसे मनाने से दिखाया जाता है कि कैसे यह संबंध जीवन के हर मोड़ पर एक-दूसरे का साथ देते हैं।

  2. परिवार में एकता को प्रमोट करना: रक्षा बंधन सदस्यों के बीच परिवार में एकता और समरसता को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस दिन परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और परिवार की मजबूती को आगे बढ़ाते हैं।

  3. संवाद की महत्वपूर्णता: रक्षा बंधन भाई-बहन के बीच संवाद को प्रोत्साहित करता है। यह एक मौका प्रदान करता है कि वे आपस में खुशियों, दुखों, और अन्य बातों को साझा कर सकें।

  4. परम्परागत मूल्यों की महत्वपूर्णता: रक्षा बंधन भारतीय परम्परागत मूल्यों के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है। यह आदिकाव्य महाभारत में उल्लिखित है और इसे हजारों सालों से मनाया जा रहा है।

  5. आपसी समरसता को बढ़ावा देना: रक्षा बंधन भाई-बहन के आपसी समरसता और आपसी सहायता को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह दिखाता है कि परिवार के सदस्य एक-दूसरे की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं।

  6. पतिव्रता धर्म की प्रतीकता: रक्षा बंधन के माध्यम से पतिव्रता धर्म की प्रतीकता दिखाई जाती है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लम्बी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करती हैं और उनके लिए प्रार्थना करती हैं।

  7. परंपरागत मूल्यों की रक्षा: रक्षा बंधन यह दिखाता है कि हमें हमारी परंपरागत मूल्यों की समझ और महत्वपूर्णता है



तीज क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है?

"तीज" एक हिन्दू त्योहार है जिसे गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन को मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है, जिसका मतलब वर्ष 2023 में यह 22 अगस्त को मनाया जाएगा।

तीज का मुख्य उद्देश्य पति की लम्बी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करना होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की पूजा और व्रत अनुसरण करती हैं। व्रत का मतलब होता है कि वे पूरे दिन बिना भोजन और पानी के रहती हैं और संध्या काल में व्रत की पूजा करती हैं जिसमें भगवान शिव और पार्वती का प्रतिमा पूजन किया जाता है।

तीज का यह व्रत पतिव्रता धर्म की प्रतीक होता है और यह विशेष रूप से सुखी और सद्गुणी पतियों के लिए माना जाता है। इसके अलावा, यह त्योहार महिलाओं के लिए उनके पतियों के दीर्घायु की कामना के साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच बने हुए बंधन को भी मजबूत करने का मौका प्रदान करता है।

तीज त्योहार के दौरान, महिलाएं साड़ियों में सजकर, मेहंदी लगाकर, और खास रूप से हरियाणवी फोल्क संगीत और नृत्य के साथ इसे मनाती हैं।



रक्षा बंधन एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के सख्त बंधन को स्वीकृति और प्यार के साथ मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो जुलाई या अगस्त के बीच पड़ता है। रक्षा बंधन के दिन, बहन अपने भाई की कलाई पर एक राखी बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है और बहन भाई की लम्बी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करती है।

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