Shivaji Maharaj Jayanti - शिवाजी महाराज जयंती : शिवाजी महाराज भाषण 2023
Published Admin |
Date: 2023-02-19
Shivaji Maharaj Jayanti - शिवाजी महाराज जयंती : शिवाजी महाराज भाषण 2023 शिवाजी महाराज जयंती एक ऐसा दिन है जो महान मराठा योद्धा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह हर साल 19 फरवरी को मनाया जाता है।
शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को पुणे, महाराष्ट्र के पास शिवनेरी किले में हुआ था। वह आदिल शाही सल्तनत की सेना में एक सेनापति शाहजी भोंसले और एक धर्मनिष्ठ हिंदू महिला जीजाबाई के पुत्र थे। शिवाजी महाराज को उनके असाधारण सैन्य कौशल, मातृभूमि के प्रति उनके प्रेम और एक संप्रभु हिंदू राज्य की स्थापना के उनके प्रयासों के लिए याद किया जाता है।
इस दिन, महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों में लोग जुलूस, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रार्थना करके शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देते हैं। स्कूल और कॉलेज उनके जीवन और विरासत का जश्न मनाने के लिए निबंध लेखन और पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने शिवाजी महाराज जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस दिन को एक राजकीय समारोह के रूप में भी मनाया जाता है, जहाँ गणमान्य लोग शिवाजी महाराज को राज्य भर में उनके विभिन्न किलों, स्मारकों और मूर्तियों पर सम्मान देते हैं।
कुल मिलाकर, शिवाजी महाराज जयंती महान मराठा राजा, उनकी उपलब्धियों और भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में उनके योगदान को याद करने और उनका सम्मान करने का दिन है।
शिवाजी महाराज जयंती के अवसर पर आइए हम इस महान योद्धा की वीरता, साहस और देशभक्ति को याद करें और उनकी स्मृति को नमन करें। जय भवानी, जय शिवाजी! छत्रपती शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर, हम सभी उनके वीरता, साहस, और राष्ट्रभक्ति को याद करते हुए, उन्हें नमन करते हैं। सम्राट शिवाजी महाराज के जन्मदिन पर, हम सभी उनकी महानता को समर्पित करते हैं। उन्होंने एक स्वतंत्र मराठा राज्य की स्थापना करने के लिए लड़ाई लड़ी थी और उनकी साहसिकता और नेतृत्व क्षमता हमें आज भी प्रेरणा देते हैं।
छत्रपती शिवाजी महाराज एक महान भारतीय राजा थे, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में महाराष्ट्र में मराठा साम्राज्य की स्थापना की। उनके जन्म सन् 1630 में शिवनेरी किले में हुआ था। शिवाजी महाराज के पिता शाहाजी भोसले भोजपुरी सम्राट का संदेशवाहक था और उनकी मां जीजाबाई भोसले भी बहुत ही शक्तिशाली महिला थीं। शिवाजी महाराज के बचपन से ही वे सैन्य तरीकों, चाल-ढाल व रणनीतियों में रूचि रखते थे और उन्होंने बचपन से ही अपनी सेना बनाना शुरू कर दी थी। शिवाजी महाराज ने अपनी वीरता, नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति के लिए जाना जाता है। उन्होंने मुगल साम्राज्य से लड़ाई लड़कर अपने स्वतंत्र मराठा साम्राज्य की रक्षा की। उन्होंने गुहिलोतों, मुगलों और पोर्तुगीजों से लड़ते हुए महाराष्ट्र में न्याय, समानता और स्वतंत्रता की वातानुकूलित स्थापना की। शिवाजी महाराज के जीवन और कार्यकलापों के बारे में कई इतिहासकारों ने अध्ययन किया है
शिवाजी महाराज यांच्या मुलीचे नाव "सकारबाई" होते. त्यांनी सकारबाईंचे विवाह शिवाजी महाराजांशी केले होते. त्यांचे वय विवाहावेळी 8 वर्षे होते. सकारबाईंनी शिवाजी महाराजांचे दृष्टीकोण बदलवून माझी तरूण पत्नी, शासकीय सल्तणता आणि धर्मांतर झाले.