Tax day in india 2023 in Hindi : टैक्स डे क्या होता है? और टैक्स क्यों लगाया जाता है?

Published Balindra Kumar |

Date: 2023-04-15

Tax kya hai in hindi - टैक्स डे एक तारीख होती है जब व्यक्ति अपने टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तिथि से पहले या उस तारीख पर अपने कर भुगतान करता है। यह तारीख विभिन्न देशों या क्षेत्रों के लिए अलग-अलग होती है, इसलिए टैक्स डे की तारीख स्थान और देश के अनुसार भिन्न होती है। यह एक महत्वपूर्ण तिथि होती है क्योंकि अधिकतर देशों में कर भुगतान या टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इस तिथि से पहले के लिए शुल्क लगता है।


टैक्स क्यों लगाया जाता है? Tax Kyu Lagaya Jata Hai in Hindi

टैक्स लगाने का मुख्य कारण देश या संघ के आर्थिक विकास एवं प्रगति के लिए आवश्यक धनराशि एकत्रित करना होता है। टैक्स के जरिए सरकार अपने विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सड़क, सेवाएं और अन्य उपयोगी सेवाओं को उपलब्ध करवाती है।

टैक्स की विभिन्न श्रेणियां होती हैं जैसे आयकर, वस्तु एवं सेवा कर (GST), करों का शुल्क, संपत्ति कर आदि। टैक्स के लिए निर्धारित दरें अलग-अलग देशों या क्षेत्रों में भिन्न होती हैं और इनका उपयोग सरकार द्वारा आवश्यक विकास कार्यों या सेवाओं के लिए किया जाता है।


टीडीएस कब काटा जाता है? TDS Kab Kata Jata Hai

टीडीएस (TDS) का कटौती व्यवसायिक या वित्तीय लेन-देन में अंकित होने वाले कुछ ट्रांजैक्शन के ऊपर लागू होता है। टीडीएस कटौती विभिन्न प्रकार की ट्रांजैक्शन पर लागू होता है जैसे वेतन, व्यापार वित्त या ब्याज आदि।

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टीडीएस कटौती की तिथि और मासिकता टीडीएस कोड द्वारा निर्धारित की जाती है जो टीडीएस कटौती देने वाले व्यक्ति या संगठन के पास होता है। टीडीएस कटौती की राशि विभिन्न वित्तीय वर्षों के लिए अलग-अलग होती है और यह टीडीएस कोड के अनुसार निर्धारित की जाती है। आमतौर पर, टीडीएस कटौती मासिक आधार पर होती है लेकिन कुछ विशेष प्रकार के टीडीएस कटौती के लिए विशेष तिथियां निर्धारित की जाती हैं।

टैक्स जमा कब होता है? Tax Kab Jama Hota Hai

टैक्स जमा करने की तिथि टैक्स के प्रकार और उनकी अनुसूची के आधार पर अलग-अलग होती है।

आमतौर पर, व्यक्तिगत आयकर के लिए, टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है जो वित्तीय वर्ष के अंत में होता है। लेकिन कुछ स्थितियों में, जैसे कि टैक्स आयकर रिटर्न में देरी, वित्तीय संकट, या अन्य अधिकारिक कारणों से आवश्यकता होती है तो टैक्स जमा करने की तिथि में विस्तार किया जा सकता है।

व्यापार टैक्स के लिए, जमा करने की अंतिम तिथि व्यापार के प्रकार, स्थान और राज्य के कानूनों द्वारा निर्धारित की जाती है। व्यापार टैक्स अलग-अलग राज्यों और देशों में अलग-अलग होते हैं और उनकी अंतिम तिथि भी उसकी स्थापित अनुसूची के आधार पर निर्धारित की जाती है।

संबंधित वित्तीय संस्थाओं या वित्तीय सलाहकार से पूर्व जानकारी प्राप्त करना उपयोगी हो सकता है ताकि आपको टैक्स जमा करने की सही तिथि का पता चल सके।


Tax कितने प्रकार के होते है? Tax Type in Hindi -  Tak kitane prakar ke hote hai

टैक्स कई प्रकार के होते हैं और वे विभिन्न उद्देश्यों के लिए लागू होते हैं।

कुछ मुख्य टैक्सों के नाम निम्नलिखित हैं:

  1. आयकर: यह टैक्स व्यक्तिगत आय के आधार पर लगाया जाता है। यह आमतौर पर वेतन, स्वतंत्र व्यवसाय, ब्याज आय, संपत्ति आय आदि से आय प्राप्त करने वालों पर लागू होता है।

  2. सेवा कर: यह टैक्स सेवा उपलब्ध कराने वाले व्यवसायों और संगठनों पर लगाया जाता है। इसमें विभिन्न केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित दर शामिल होती है।

  3. बहीखाता कर: यह टैक्स कंपनियों और व्यवसायों के लिए लागू होता है और यह उनकी कार्यक्षमता को निर्धारित करने के लिए लगाया जाता है।

  4. आबकारी कर: यह टैक्स शराब, बीयर, तंबाकू और अन्य मदिरा उत्पादों पर लगाया जाता है।

  5. संपत्ति कर: यह टैक्स संपत्ति और संपत्ति संबंधित लेनदेन पर लगाया जाता है।



Tax day quote in hindi

टैक्स दिवस हमें यह याद दिलाता है कि धन एक सामान्य जीवन का अहम हिस्सा है जिसे हम सभी नियंत्रित करना चाहते हैं।



इनकम टैक्स एक प्रकार का टैक्स होता है जो व्यक्ति की कमाई पर लगाया जाता है। यह टैक्स विभिन्न स्रोतों से जैसे वेतन, स्वतंत्र व्यापार, संपत्ति और अन्य आय स्रोतों से उपलब्ध होता है। इसका उद्देश्य सरकार के विभिन्न विकास कार्यों के लिए धनराशि एकत्रित करना होता है। इनकम टैक्स के प्रकार निम्नलिखित होते हैं: सामान्य इनकम टैक्स: सामान्य इनकम टैक्स वह टैक्स होता है जो सभी आयुक्त व्यक्तियों पर लगाया जाता है जो निश्चित सीमा से ज्यादा आय प्राप्त करते हैं। कॉर्पोरेट इनकम टैक्स: कॉर्पोरेट इनकम टैक्स उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो अपने व्यापार या कारोबार से आय प्राप्त करती हैं। संपत्ति कर: संपत्ति कर उन व्यक्तियों पर लगाया जाता है जो संपत्ति का मालिक होते हैं, जैसे कि घर, जमीन, सोना, चांदी आदि।

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